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ज़िंदगी के सफ़र में हम ख़ूबसूरत हादसों से दो-चार होते हैं , कातिल फ़रेबे निग़ाहों में छुपे हुए गहरे राज़ होते हैं , श़ुक्रिया !
ज़िंदगी के सफ़र में हम ख़ूबसूरत हादसों से दो-चार होते हैं ,
कातिल फ़रेबे निग़ाहों में छुपे हुए गहरे राज़ होते हैं ,
श़ुक्रिया !