Comments (6)
17 Aug 2021 07:06 PM
दिल की बातें पढ़ने का हुनर जो सबको आ जाए ! तो दिल की किताबों की तस्वीर ही बदल जाए !
ना हो कोई लड़ाई-झगड़ा, रहे बस प्यार ही प्यार !
दूर होके सबके ग़म, चारों तरफ़ ही खुशियाॅं छा जाए !! मगर ये रचना “ग़ज़ल” में नहीं डालकर “शेर” में डाला होता तो बेहतर होता !!
17 Aug 2021 08:16 PM
कोई बात नहीं “गौरी जी !” तब तो आप
तारीफ़ के पात्र हैं ! मेरी समीक्षा को अन्यथा नहीं लें, बस निरंतर प्रयास करते रहें, बहुत आगे तक जाएंगी आप ! हाॅं रचना की समालोचना आवश्यक है जो किसी को आगे बढ़ाने के लिए होती है, भूल-चूक से हुई किसी खामियों को दूर कर उससे अनुभव दिलाने के लिए !! यूॅं ही प्रयास निरंतर जारी रखें…. शुभकामना…. ??
Gouri tiwari
Author
4 Sep 2021 11:26 AM
बहुत बहुत धन्यवाद महोदय जी
वाह वाह वाह
शुक्रिया मैम