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मुक्तत की हवा निकाल दी. लेख कहकर लिख देते. प्रवचन कहते, तो भी मान लेते. नहीं आता तो सीख लेते. पर प्रधान सेवक की शैली पर क्यों जाते डॉक्टर साहब छत तेरी कै ..? स्वतंत्रता दिवस पर स्वतंत्र प्रस्तुति को कोटि कोटि नमन
मुक्तत की हवा निकाल दी.
लेख कहकर लिख देते.
प्रवचन कहते,
तो भी मान लेते.
नहीं आता तो सीख लेते.
पर प्रधान सेवक की शैली पर क्यों जाते
डॉक्टर साहब
छत तेरी कै ..?
स्वतंत्रता दिवस पर
स्वतंत्र प्रस्तुति को कोटि कोटि नमन