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फड़फड़ाने लगे जब शमा ए जिंदगी। कर लो ए दोस्त खुदा की तुम बंदगी।।
क्या पता कब लौ दिए की फना हो जाये।और इस रूह को जन्नत नसीब हो जाये।।

वाह ! क्या खूब कहा है आपने ,
आपको हमारा सलाम

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