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अभिव्यक्ति को भविष्य से जोडने की बजाय वर्तमान पर केन्द्रित हो. जैसे जज्बातों को कुचल देने से राह नहीं मिटती. हौसले हो गर, बुलंद,, राह नहीं रुकती. So and so अच्छा लिखती हैं आप. लिखते रहे ✍️??✍️
धन्यवाद जी
अभिव्यक्ति को भविष्य से जोडने की बजाय वर्तमान पर केन्द्रित हो.
जैसे
जज्बातों को कुचल देने से राह नहीं मिटती.
हौसले हो गर, बुलंद,, राह नहीं रुकती.
So and so
अच्छा लिखती हैं आप.
लिखते रहे ✍️??✍️
धन्यवाद जी