Comments (5)
29 Jul 2021 09:51 PM
बढ़ी दूरी से रिश्ते छूटे,
बात बिना रिश्ते टूटे,
जो मुहब्बत निभाई फिर भी अपने रूठे,
अपने रूठे तो ये जग छूटे,
मतलब कुछ ना कुछ छूटना तो लाज़मी है।
Rakesh Bahanwal
Author
30 Jul 2021 12:10 AM
Definitely
We are loosing something..
बहुत सुंदर पंक्तियाँ लिखी हैं, आपका स्वागत करता है साहित्यापिडिया परिवार और हम सब की तरफ से कि एक नए लेखक के रूप में अपनी जगह बनाने में भूमिका अदा की है ! इसी तरह अच्छे अच्छे शब्दों को पिरोते रहीये और उस को एक बहुत बड़ी माला का रूप दिजीये ! आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ !!
???
आप की सराहना और आप के आशीर्वाद के लिए कोटि कोटि धन्यवाद।
कोशिश करूँगा की आप की सराहना और मिले।
अवश्य मिलती रहेगी !!