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अतिसुन्दर सृजन दो लाइने मेरी स्वीकार करें सुख के दीवान पर बैठा, तो कहता ये सब मेरी मेहनत, जब गम ने मोहलत न दी तब खुदा याद आया।
अति उत्तम ,सहयोग देने और रचना पसंद करने हेतु धन्यवाद
अतिसुन्दर सृजन
दो लाइने मेरी स्वीकार करें
सुख के दीवान पर बैठा, तो कहता ये सब मेरी मेहनत,
जब गम ने मोहलत न दी तब खुदा याद आया।
अति उत्तम ,सहयोग देने और रचना पसंद करने हेतु धन्यवाद