परोपकार एक संस्कार पोषित गुण है। जिससे व्यक्ति विशेष अपने निहित संस्कारों से प्रेरित होकर परोपकार करने के लिए उद्यत् होता है।
जिसमें परोपकार करने वाले व्यक्ति को प्रसन्नता एवं आत्म शांति की अनुभूति होती है। सही अर्थों में परोपकार किसी भी प्रकार से स्वार्थ सिद्धि एवं परोपकारजन्य प्रसिद्धि की लालसा से निरापद होता है।
धन्यवाद !
परोपकार एक संस्कार पोषित गुण है। जिससे व्यक्ति विशेष अपने निहित संस्कारों से प्रेरित होकर परोपकार करने के लिए उद्यत् होता है।
जिसमें परोपकार करने वाले व्यक्ति को प्रसन्नता एवं आत्म शांति की अनुभूति होती है। सही अर्थों में परोपकार किसी भी प्रकार से स्वार्थ सिद्धि एवं परोपकारजन्य प्रसिद्धि की लालसा से निरापद होता है।
धन्यवाद !
जी बहुत खूब, हार्दिक धन्यवाद आदरणीय