You must be logged in to post comments.
वाह, मेरी तरफ से दो पंक्तियां.. उसने संभाल के रखा था अमानत जैसे मेरे हिस्से का था जो मेरा होता जा रहा है
वाह, अत्यंत भावपूर्ण ।
वाह, मेरी तरफ से दो पंक्तियां..
उसने संभाल के रखा था अमानत जैसे
मेरे हिस्से का था जो मेरा होता जा रहा है