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Comments (8)

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31 Jan 2022 12:17 PM

नाम श्रेयसी दुबे
1. मेरे सपनों के भारत में काश भ्रष्टाचार मिट जाता, मेरे सपनों के भारत में काश बड़ों का मान होता.
धन्यवाद।

शुक्रिया जी

25 Jan 2022 08:02 PM

1. Mere sapno ke bharat main saare ek saman hoge …
2.Mere sapno ka bharat bhot sundar hoga

शुक्रिया जी

28 Jun 2021 03:26 PM

बहुत सुन्दर रचना

अत्यंत भावपूर्ण रचना , हम भी यही सोचते है ।कश ऐसा होता ।

शुक्रिया जी

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