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अति उत्तम

19 Jun 2021 08:17 PM

धन्यवाद।

18 Jun 2021 02:00 PM

सुन्दर

18 Jun 2021 03:04 PM

धन्यवाद ।

आशिकों पर इतनी तोहमत कैसे..?
आशिक लोग ही पृथ्वी को संभाले हुए है इस कलयुग में,जनाव, बरना कभी की प्रलय आ जाती, महाराज ।
आशिकों से दुश्मनी ना पालों, बरना कविता लिखने के लिए पृष्ठभूमि नही मिलेगी ।

आशिकी का मजा आशिकों से पुछीये
और प्यार की सजा दिलफेंक से जानिए
यही जिंदगी है उम्र भर के लिए जनाव
डिलीट होने से पहले नजरों से खेलना जानिए।

18 Jun 2021 03:02 PM

मित्र,आशिकों से दुश्मनी नहीं पाले है और ना ही तोहमत लगाए है, सिर्फ आपने इश्क में ईमान से लाने बोल रहे है आज कल का प्रेम क्षणीक भार रहता है वासना लिपटा हुआ और ईश्क का नाम बदनाम करते है किफायती इश्क करने वाले, सस्ती भवना रखने सिर्फ हसरते तो पूरा कर के इश्क दिखवा करते हैं ।उन प्रेमी को बोलना चाहते कि जल्दी से प्रेम किया और ढेर सारा वादा कर दिया और जब निभाने की बारी आई दूम उठा कर भाग जाते हैं
।ऐसे ईशकबज करने से प्रेम को बदनामी ही मिलती है सच्ची प्रेम में सादगी होनी चाहिए अपने वादों के निभाने की चाहता होनी चाहिए ये यह ना होनी चाहिए कि एक को छोड़ो फिर दूसरा कोई से फिर से शुरू।बदलता वक़्त का प्रेम है। इस लिया कह रहा हूं चिंतन कर के लिए,ईमानदारी में लिपटा इश्क ,कितना ईमानदारी ?

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