Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (7)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

प्यार का nature and scope

प्यार nature and scope बहुत बड़ा है,
ये कविता सिर्फ यारी पे खड़ा है।
मां , बाप , बच्चे, से प्यार, प्रकृति से प्यार, देश से प्यार, यहां तक कि पशु से भी प्यार निः स्वार्थ ही होता प्रायः।

वैसे कोशिश अच्छी है।???

15 Jun 2021 09:04 PM

अच्छा, अगली कड़ी में… धन्यवाद !

14 Jun 2021 06:44 PM

अति सुंदर।

14 Jun 2021 06:57 PM

हार्दिक आभार !

14 Jun 2021 06:03 PM

बहुत सुंदर रचना।

14 Jun 2021 06:04 PM

बहुत बहुत धन्यवाद !

Loading...