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फिर वो ही शाम ,वो ही गम , वो ही तन्हाई है , दिल में दर्द सुलगाने बरसात चली आई है । श़ुक्रिया !
फिर वो ही शाम ,वो ही गम , वो ही तन्हाई है ,
दिल में दर्द सुलगाने बरसात चली आई है ।
श़ुक्रिया !