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अविरल प्रवाहित झरने का जल जैसे नदियों में जा मिलता है सर्वथा उसी तरह तुम्हारी रचनाओं में भाव प्रवाहित होता है, जब लिखती हो निशब्द कर देती हो अनुजा, इस रचना को पढ़कर रोम रोम पुलकित हो उठा, सदा खुश रहो
अंतर्मन के उद्वेलित उद् गारों की सुंदर अभिव्यक्ति ! धन्यवाद ! ?
अविरल प्रवाहित झरने का जल जैसे नदियों में जा मिलता है सर्वथा उसी तरह तुम्हारी रचनाओं में भाव प्रवाहित होता है, जब लिखती हो निशब्द कर देती हो अनुजा, इस रचना को पढ़कर रोम रोम पुलकित हो उठा, सदा खुश रहो