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8 May 2021 01:10 PM

दिन नहीं होते एक सरीके।
बचपन जवानी बुढ़ापा देखते सभी जीके।।

अभिनव कभी कभी दुसरो को भी पढ़ लिया करो जब हम दूसरों को पढ़ेंगे तब हमें भी कोई पढेगा बस! घमंड मत करना धन्यवाद आपका जी

अवश्य आदरणीय सभी को पढ़ते हैं

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