Comments (3)
8 May 2021 01:02 PM
अभिनव कभी कभी दुसरो को भी पढ़ लिया करो जब हम दूसरों को पढ़ेंगे तब हमें भी कोई पढेगा बस! घमंड मत करना धन्यवाद आपका जी
अभिनव अदम्य
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9 May 2021 12:03 AM
अवश्य आदरणीय सभी को पढ़ते हैं
दिन नहीं होते एक सरीके।
बचपन जवानी बुढ़ापा देखते सभी जीके।।