Comments (6)
3 May 2021 06:24 AM
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी
Sunil Suman
Author
3 May 2021 08:49 AM
सर आपको सादर प्रणाम सहित हार्दिक धन्यवाद ?
2 May 2021 08:13 PM
च़ाहत तो तुम्हारे ए़हसास की खुश़बू है , मुझमें ,
जो तुम्हारी मुजस्स़िम हस्ती की पहचान है ,मुझमें ,
मैं ही तुम हो , तुम ही मैं हूं ,
मैं तुम्हें अपने से जुदा कैसे कर दूं ,
तुम तो मेरे दिलो जाँ से बढ़कर रूह में पैवस्त हो,
तुम तो मेरी ज़िंदगी का एक अहम़ हिस्सा हो ,
श़ुक्रिया !
Sunil Suman
Author
2 May 2021 08:57 PM
वाह वाह क्या बात है । सर आपके अल्फाज सीधे सीधे मेरे हृदय पट पर दस्तक दे रहे हैं । सादर धन्यवाद ?
2 May 2021 09:51 PM
श़ुक्रिया !
वर्षों तक यादों को यथारूप में संजोकर रखने वाली रचना जो पाठकों को भी उनके अतीत में झाँकने के लिए अवश्य ही उद्वेलित करेगी। पढकर आनंद लीजिए और बताइए कि मेरा प्रयास कितना सार्थक रहा?