Comments (6)
1 May 2021 10:13 AM
मेरा गांव मेरा…..श्रीमन मैं भी गांव से हूं और गांव मेरे मन मस्तिष्क में समाया हुआ है, गांव ही मेरी पहचान को बनाए हुए है बावजूद इसके कि वर्षों से मैं गांव से दूर रहने को मजबूर हो गया, फिर भी मैं नियमित रूप से अपने गांव की माटी के दर्शन को आया जाया करता हूं। गांव का स्मरण कराने के लिए धन्यवाद!
दीपक श्रीवास्तव
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1 May 2021 12:37 PM
बहुत धन्यवाद जी
30 Apr 2021 07:07 PM
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी
दीपक श्रीवास्तव
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30 Apr 2021 09:04 PM
बहुत धन्यवाद जी
गांव तो गांव है। वही असली छांव है।
बहुत आभार ‘कुमार’जी