बहुत ही सटीक विश्लेषण किया है आपने!
सरकारें सभी दोषी हैं किन्तु जब बिमारी महामारी में बदल जाए तो यह राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में आती है और केन्द्रीय नेतृत्व को ही आगे बढ़ कर नेतृत्व करना चाहिए, लेकिन हम यहां पर जिम्मेदारी से भागते हुए देख रहे हैं!
दोषारोपण करने में हमारे नेता किसी से कम नहीं हैं, अच्छा हुआ तो मैंने किया और गलत हो रहा है तो वह उसकी जिम्मेदारी है! लोग आज भी नेताओं के बचाव में खड़े नजर आते हैं जबकि वह ज्यादा जिम्मेदार हैं!
बहुत ही सटीक विश्लेषण किया है आपने!
सरकारें सभी दोषी हैं किन्तु जब बिमारी महामारी में बदल जाए तो यह राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में आती है और केन्द्रीय नेतृत्व को ही आगे बढ़ कर नेतृत्व करना चाहिए, लेकिन हम यहां पर जिम्मेदारी से भागते हुए देख रहे हैं!
दोषारोपण करने में हमारे नेता किसी से कम नहीं हैं, अच्छा हुआ तो मैंने किया और गलत हो रहा है तो वह उसकी जिम्मेदारी है! लोग आज भी नेताओं के बचाव में खड़े नजर आते हैं जबकि वह ज्यादा जिम्मेदार हैं!