Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
19 May 2022 08:24 PM

धन्यवाद सर

18 Apr 2021 05:53 PM

चले चलो! बहुत आशावादी दृष्टिकोण के साथ रचित तुम्हारी रचना बहुत अच्छी भी है, यह आशा वाद बना रहे यह शुभकामनाएं हैं, जीवन में बहुत सी कठिनाई होती रहती है, आशाएं दम तोड़ती दिखाई देती है आदमी टूट जाता है!हार मान कर मिट जाता है, यदि थोड़ा धैर्य रह गया तो नय्या पार भी लगती दिखाई देती है!

Loading...