Comments (2)
17 Apr 2021 07:24 PM
जो भी गिले शिकवे हैं , मिल बैठ दूर करो ,
कुछ अपनी सुनाओ , कुछ आज मेरी सुनो ,
खामोश रहने से दिल और दिमाग़ जलते है ,
नाहक़ दो दिलों के बीच दूरियों को बनाते है ,
श़ुक्रिया !
जो भी गिले शिकवे हैं , मिल बैठ दूर करो ,
कुछ अपनी सुनाओ , कुछ आज मेरी सुनो ,
खामोश रहने से दिल और दिमाग़ जलते है ,
नाहक़ दो दिलों के बीच दूरियों को बनाते है ,
श़ुक्रिया !
स्नेहिल प्रतिक्रिया हेतु आपका आत्मीय आभार आदरणीय!