बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी
सादर प्रणाम श्रीमान जी ,धन्यवाद
महोदय , आपने अच्छे चरित्र की महत्ता पर सुंदर व्याख्या की है। परंतु अच्छे चरित्र के निर्माण में कारकों के योगदान पर प्रकाश डालने की आवश्यकता है। अच्छे चरित्र के निर्माण के लिए अंतर्निहित संस्कारों एवं मूल्यों का पोषण बचपन से ही होता है , जिसमें उस व्यक्तिविशेष के माता पिता , बड़े बूढ़ों , शिक्षकों एवं हितचिंतक सलाहकारों एवं सहयोगियों की अहम भूमिका होती है । इसके अतिरिक्त वातावरण एवं परिस्थितियां जिसमें वह व्यक्तिविशेष पला एवं बड़ा होता है , उसके व्यक्तित्व निर्माण का कारक बनते हैं ।
अनुवांशिक गुणों का प्रभाव भी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व में परोक्ष रूप से देखा जा सकता है ।
प्रियजन एवं अभिन्न मित्रों के मूल्यों का परोक्ष प्रभाव भी व्यक्तित्व पर पड़ता है ।
व्यक्तिविशेष की प्रज्ञा शक्ति एवं प्रतिभा जो कालांतर में परिमार्जित होती जाती है का प्रत्यक्ष प्रभाव प्रखर व्यक्तित्व एवं अच्छे चरित्र में दृष्टिगोचर होता है।
धन्यवाद !
सादर प्रणाम सर, बहुत बहुत धन्यवाद आप के सुझाव के लिये अभी लिखने की कोशिश कर रहा हु सर आपके सहयोग और मार्गदर्शन अपेक्षा करता हु। धन्यवाद श्रीमान जी
बहुत सुंदर मोतीलाल जी, ??लिखते रहिए धीरे धीरे सुधार आ जाता है। आपका प्रयास प्रसंशनीय है। ??
नमस्कार श्रीमान जी, सादर आभार और धन्यवाद?