Comments (4)
13 Apr 2021 07:17 PM
आंखों से रहा दिल में उतर कर नहीं देखा,
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा,
जज़्बातों को परखा न जाना उसने ,
हीरे से दिल को पत्थर ही समझा उसने ,
श़ुक्रिया !
Arsh M Azeem
Author
13 Apr 2021 08:39 PM
Bahut khoob
15 Apr 2021 12:28 AM
श़ुक्रिया !
Bahot hi badhiya…really nice