जिंदगी है खेल कभी पास कभी फेल , खिलाड़ी है कोई तो अनाड़ी है कोई , यहां कोई जीतता है तो कोई हार कर भी जीत जाता है , कभी किस्म़त के , तो कभी क़ुदरत के , तो कभी फ़ितरत के ,ये खेल है , जिसे अब तक कोई जान ना सका , ना पहचान सका , अजीब कश़मकश़ और उलझन की रेलम पेल है , श़ुक्रिया !
जिंदगी है खेल कभी पास कभी फेल , खिलाड़ी है कोई तो अनाड़ी है कोई , यहां कोई जीतता है तो कोई हार कर भी जीत जाता है , कभी किस्म़त के , तो कभी क़ुदरत के , तो कभी फ़ितरत के ,ये खेल है , जिसे अब तक कोई जान ना सका , ना पहचान सका , अजीब कश़मकश़ और उलझन की रेलम पेल है , श़ुक्रिया !
बहुत सुंदर पँक्तियाँ
धन्यवाद !