Comments (4)
3 Mar 2021 08:41 AM
उत्तम रचना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Author
3 Mar 2021 09:12 AM
आभार जी
क्या क्या न सहे हमने सितम आप की खातिर ,
तड़पे है दिले खाना सनम आप की खातिर ,
निकलेगा किसी रोज़ ये दम आप की खातिर ,
ये जान भी जाएगी सनम आप की खातिर ,
श़ुक्रिया !
शुक्रिया जी