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ज़माने तू क्या समझेगा मेरी अक़दस मुहब्बत को । मुश्ताक हूं तेरा पर अपने आप में गुम हूं । बहुत खूबसूरत अंदाज़।
ज़माने तू क्या समझेगा मेरी अक़दस मुहब्बत को ।
मुश्ताक हूं तेरा पर अपने आप में गुम हूं ।
बहुत खूबसूरत अंदाज़।