साहित्य पीडिया मंच को प्रणाम
“कुछ खत मोहब्बत के”
प्रतियोगिता में मैंने भाग लिया था और रचनाकारों की सूची में मेरा २२ का स्थान था
जिसकी प्रति प्राप्त करने के लिए मैंने आज ही ईमेल पर देख कर आर्डर किया था मुझे मेसेज प्राप्त हुआ है की प्रति २८ मार्च तक पहुंच जाएगी।मुझे शुल्क तो नहीं देना पड़ेगा न।
आभार आपका।
यह पुस्तक एक भेंट है और उसके मूल्य का भुगतान साहित्यपीडिया द्वारा किया गया है। आपको कोई शुल्क नहीं देना है। धन्यवाद।
महोदय किताब का नोटिफिकेशन आ गया है, अब आप ये सूचित करें ,की उसके साथ 250 रुपए का बिल लगा हुआ है क्यों…??
जब की ओ तो हम लोगों को भेंट स्वरूप मिल रही है.??
और भेंट पर पैसा कैसा.???
आपके उत्तर की प्रतीक्षा में…
शीला जी, आपने अब तक अपना पता नहीं भेजा है। आपको 2 बार ईमेल भी किया गया है। कृपया अपना ईमेल इनबॉक्स देखें एवं उसमें हमारे द्वारा मांगी गयी जानकारी साझा करें।
जी अभी भेजती हूँ
साहित्यपीडिया यह भी बताने की कृपा करे कि क्या विजेताओं को पुस्तक के साथ साथ प्रशस्ति पत्र भी भेजा जाएगा या नहीं कि केवल मेल तक ही सर्टिफिकेट सीमित रह जाएगा ।
साहित्यपीडिया से मैं जानकारी लेना चाहता हूँ कि पुस्तक मिलने के लिए जो मैंने साहित्यपीडिया के मेल पर जो पता उपलब्ध कराया था उसका जवाब में अभी तक हमें कुछ भी बताया नहीं गया है कि पुस्तक कब तक आ सकती है ।
सभी पुस्तकें अगले सप्ताह भेजी जाएंगी।
??जी धन्यवाद??
महोदय पुस्तक मिलने के लिए जो मेल था उसका जवाब हमारे तरफ से दिया गया ,पर उसका न कोई जवाब आया है न ही पुस्तक
जी। सभी पुस्तकें अगले सप्ताह भेजी जाएंगी।
साहित्यपीडिया के द्वारा अभी तक मुझे प्रशस्ति पत्र प्राप्त नहीं हो सका है । वजह का कोई ईमेल भी नहीं किया गया और ना कारण ही बताया गया है क्यों ?
पढ़ लिए। पहली बार कोरोना की प्रतियोगिता में ही पता चल गया था कि किस तरह साहित्य के नाम पर रचनाओं को बिना कागज दिए अपना बनाया जा रहा है….न रचनाकार को पुस्तक मिलती है न ही पीडीएफ। उसके बाद इस प्रतियोगिता ने और स्तर बता दिया कि प्रमाण पत्र तक अब उपलब्ध नहीं। वो भी e। दो बार के अनुभव के बाद इस मंच से दूर हो रहा हूँ जहां पैसे को अधिक महत्व है रचनात्मकता को नहीं। मौलिक भी चाहिए पर उसके बदले किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन नहीं। दुखद है इस तरह के साहित्यिक धनसंग्रह चल रहे हैं। प्रणाम?
पल्लव जी, जब आप इस प्रतियोगिता की विजेता सूची में हैं ही नहीं तो आपको प्रमाण पत्र कैसे मिल सकता है। कृपया सही से नियम पढ़ें और कोई अफवाह ना फैलाएं।
और हम नहीं समझ पा रहे यहाँ कौन सा धन संग्रह चल रहा है। प्रतियोगिता में प्रतिभागिता का कोई मूल्य नहीं लिया जा रहा, पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं और अगर किसी प्रतियोगिता में रचनाकारों की रचनाओं का विश्व स्तरीय संग्रह प्रकाशित किया जा रहा है तो उसे लेना भी ऐच्छिक है। आप ही समझ सकते हैं कि आप हमारी टीम की इतनी मेहनत का अपमान क्यों कर रहे हैं। यह एक साहित्यकार होने का परिचायक नहीं है।
साहित्यपीडिया का बहुत बहुत धन्यवाद सर्टिफिकेट मिल गया है । और मैंने साहित्यपीडिया को अपना नाम और पता भी मोबाईल नंबर के साथ भेज दिया है पुस्तक के लिए ।
सम्मान पत्र की जानकारी प्रतिभागियों को ईमेल द्वारा भेज दी गयी है। अगर किसी कारणवश आपको ईमेल प्राप्त नहीं हुआ है लेकिन आप विजेताओं की सूची में हैं तो आप अपना सम्मान पत्र नीचे दी गयी प्रक्रिया द्वारा प्राप्त कर सकते हैं-
– साहित्यपीडिया की वेबसाइट या एंड्राइड ऐप्प को खोलें और लॉगिन करें।
– फिर ऊपर दाहिने ओर दिए गए आपके चित्र पर क्लिक करें
– “View your certificates” पर क्लिक करें। इस पेज पर आपको आज तक साहित्यपीडिया की प्रतियोगिताओं में प्राप्त हुए सभी सर्टिफिकेट प्राप्त हो जायेंगे।
धन्यवाद,
टीम साहित्यपीडिया
जी ?
तह दिल से शुक्रिया अदा करती सर्टिफिकेट मिल गया..
धन्यवाद जी??
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई ?
महोदय अब तक प्रशस्ति मेल पर भी प्राप्त नही हुआ है..
आदरणीय नमस्कार जी ? ईमेल मुझे कोई भी नहीं आई है…
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा
अभी तक कोई प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
साहित्यपीडिया के द्वारा अभी तक मुझे प्रशस्ति पत्र प्राप्त नहीं हो सका है । वजह का कोई ईमेल भी नहीं किया गया और ना कारण ही बताया गया है क्यों ?
नमस्कार, प्रशस्ति पत्र की जानकारी ईमेल पर भेज दी गयी है।
समस्त विजेताओं को हार्दिक बधाईयाँ !!!!!
सभी कवि महोदय लोगों से मैं गुजारिश करना चाहूँगा कि साहित्यपीडिया एक कवि मंच ही नहीं बल्कि यह सुविचारों वाले लोगों का बहुत बड़ा परिवार है , जहाँ हमसभी को बड़े – छोटे का भेदभाव मिटाकर एक समान समझना चाहिए । जजेज का निर्णय हमसभी के लिए सर्वोत्तम और सर्वोपरि माना जाना चाहिये । इनाम के लिए हमें आपस में कभी टकरार और भेदभाव की भावना बिल्कुल नहीं करनी चाहिए । एक दूजे का शिकायत नहीं करना चाहिए । हर चीज हमें एक नई शिक्षा देती है । तुम ही तुम हो, तो क्या तुम हो और हम ही हम हैं, तो क्या हम हैं । अरे जब जिंदगी में हमारे बहुत सारे गम हैं, तो अभी से ही हमारी आँखें क्यों नम हैं । बहुत सारी खुशीयाँ है बाकी मिलने को, पा लेंगे उसे आप । यकीन है हमें, कि आपमें भी इतना दम है ।। भुलचुक हुई हो तो अपने इस भाई को माफ कर देना पर आपस में प्रेम करना कभी मत छोड़ना ।
?शुभ रात्रि । शब्बा खैर । ??????????
?????????
साहित्यपीडिया को ऐसी प्रतियोगिताएँ कराने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद । साहित्यपीडिया के बारे में जिस चीज की लोगों की जानकारी न थी उसे सही सही जानकारी देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद । साहित्यपीडिया के इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी कवि महोदय को मनमोहन कृष्ण का प्रणाम?? एवं साहित्यपीडिया के प्रतियोगिता में जो भी कवि महोदय की जीत हासिल हुई हैं उन्हें मेरे तरफ से हार्दिक बधाई ??एवं ढ़ेर सारी शुभकामनाएँँ । तथा नवीन जोशी सर को बहुत बहुत बधाई ??और उनके बारे में मैं कहना चाहूँगा कि उनकी ये कविता वाकई बहुत खुबसूरत और ज्ञानवर्धक है । मुझे पहले से ही उम्मीद थी कि आपकी कविता अव्वल रहेगी गुणवत्ता के अनुसार ।
एक और सफल प्रतियोगिता के लिए बधाई। बस यही कहना है कि जिनकी रचनाएं होती हैं कम से कम उन्हें और भी कम दामों में पुस्तक उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि उसे मंगवाया जा सके। नहीं तो उसकी पीडीएफ ही उपलब्ध करा दी जाए। बाकी आपका आयोजन यूँ ही आगे बढ़ता रहे। शुभकामनाएँ
इस प्रतियोगिता में काव्य संग्रह प्रकाशित नहीं किया गया है। लेकिन कोरोना विषय पर आयोजित हमारी पिछली प्रतियोगिता में चुनी हुई रचनाओं का काव्य संग्रह प्रकाशित किया जा रहा है और उस संग्रह में शामिल रचनाकारों को वह कम मूल्य पर उपलब्ध भी करवाया जा रहा है। आपने शायद वह सूचना नहीं पढ़ी। कृपया उस उस प्रतियोगिता से सम्बंधित जानकारी एक बार अवश्य पढ़ें। धन्यवाद।
मैंने पढी। और कम मूल्य भी देखा। पर वो मेरी नज़र में मूल्य कम नहीं था। इसीलिए। बाकी आपका धन्यवाद जो आपने मेरी बात को पढ़ा और उत्तर दिया।
आदरणीय “साहित्य पीडिया हिन्दी” मंच के संपादक मण्डल, संचालक एवं अन्य सम्मानित पदाधिकारीगण को सादर प्रणाम करता हूँ। ?
आपके प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा द्वितीय पुरस्कार प्रदान किये जाने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। मुझे खुशी है कि आपका प्रतिष्ठित मंच प्रतिभा को पहचानने और उसे निखारने में महती भूमिका निभा रहा है। निसंदेह साहित्य पीडिया जैसे विश्वसनीय मंच से जुड़ कर मुझे अपार हर्ष हो रहा है।
साहित्य पीडिया से जुड़े सभी कवियों, लेखकों एवं विद्वतजनों का भी हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने हौसला बढ़ाया और अपना आशीर्वाद प्रदान किया। भाग्यशाली हूँ कि आपका स्नेह मिला। ???
इस कड़ी में मैं अपने मित्रों और शुभचिंतकों का भी कोटि कोटि आभार अभिव्यक्त करता हूँ जिन्होंने अपना अमूल्य सहयोग दिया। आपका मैं सदैव ही ऋणी रहूँगा। ??
मैं समस्त प्रकृति का आभार अभिव्यक्त करता हूँ, जिसने मुझे एक सहृदय कवि का हृदय दिया। ? इस प्रतियोगिता में सभी विजेताओं को मेरी तरफ से हार्दिक बधाई स्वीकार हो। ?????
साथ ही अन्य सभी सम्मानित प्रतियोगी साथियों के प्रयासों का सम्मान करता हूँ। ? अन्त में एक बार फिर से सभी का विनीत आभार, सादर धन्यवाद और तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। ????????
क्या 55 वोट पाने वाले को ई सर्टिफिकेट दिया जाएगा या नहीं कृपया बतायें सर।
इस प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार वोटों के आधार पर शीर्ष 25 रचनाओं के रचनाकारों को ई-सर्टिफिकेट दिए जायेंगे।
मां शारदे को नमन, ‘साहित्यपीडिया हिंदी’ मंच के सम्माननीय संस्थापक, संचालक एवं सम्मानित सदस्यों को प्रणाम ?। मंच के समस्त पदाधिकारी गण एवं माननीय निर्णायक मंडल का आभार। सभी आदरणीय रचनाकारों को उज्जवल भविष्य हेतु अशेष शुभकामनाएं, पुरस्कार से उत्साहवर्धन तो होता है, लेकिन बड़े पटल पर रचना प्रकाशित होना गर्व का विषय है, उससे बड़ी बात मां हिंदी व साहित्य की अंत:करण से सेवा, साधना ?।
“सभी सुविचारों का स्वागत है”
क्या कहे, कितना कहे, कैसे कहे, कब तक कहे,
ध्यान धरकर इन सभी को, हर कलम कहती रहे।
शब्द चाहे वक्र हों, हर शब्द में संस्कार हो,
अग्नि भी प्रतिशोध की कोई कलम से ना बहे !!
है नहीं आसान भी, यह साधना साहित्य की,
किन्तु दुष्कर भी कहाँ? यह कलम चलती नित्य ही !
‘शर’ न उगले लेखनी- निज ही प्रयोजन के लिए,
भावना सबकी समझ, हर प्राज्ञ जन लिखता रहे !!
@नवीन जोशी ‘नवल’
साहित्यपीडिया को ऐसे सुन्दर आयोजन के लिए बहुत- बहुत आभार..धन्यवाद.. लेकिन लेखकों के पक्षपात का आरोप भी जायज है..महोदय..आप बार बार कह रहे हो गुणवत्ता के आधार पर चयन हुआ है..लेकिन जिसको नहीं चुना उन रचनाओं में गुणवत्ता में क्या कमी थी 4-6 points बताने चाहिय.. और 17 no. की रचना को सांत्वना पुरस्कार को किस गुणवत्ता पर दिया गया है.. जबकि कविता में कई जगह तुकांत भी सही नहीं है..जैसे- सजा-गया, लिखा- लिया.. फिर भी औरों से बेहतर कैसे??
कृष्णा कुमार मिश्रा जी, काव्य लेखन में काव्य की गुणवत्ता सिर्फ तुकांत होने से नहीं होती है, बहुत सारे अन्य मापदंड होते हैं। इस प्रतियोगिता के विजेताओं का चुनाव बेहद अनुभवी जजेस पैनल द्वारा किया गया है और उनका निर्णय सर्वमान्य है।
धन्यवाद।
धन्यवाद आदरणीय..#TeamSahityapedia…
साहित्य पीडिया टीम को प्रणाम।
आज मुझे **कुछ खत मोहब्बत के**
राजीव अग्रवाल जी की गीत गजल संग्रह की प्रति प्राप्त हो गई।आभार।