Comments (3)
19 Feb 2021 04:03 PM
उनियाल जी प्रणाम।
जीवन का अनुभव ,एवम् आंदोलन की कार्य पद्धति को चरितार्थ करती रचना।*प्रेरणा मिली मिलती रहे।
Jaikrishan Uniyal
Author
19 Feb 2021 02:56 PM
आंदोलन का प्रथम अहसास!
हां राजेश जी, मैं अपनी यादों को ताजा करने में जुट गया हूं, कुछ उस दौर की बात करुंगा आज के परिवेश में जब आंदोलन की सुगबुगाहट चल रही है।