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Comments (6)

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वाह..बहुत सुंदर रचना आदरणीय।कृपया मेरी कविता “अमर प्रेम (सवैया) ” का अवलोकन कर एक वोट देकर सहयोग की कृपा करें।।

13 Feb 2021 02:30 PM

बहुत ही सुंदर पंक्तियां? कृपया मेरी कविता ‘मैं इश्कबाज़ नहीं’ को पढ़ें और वोट या प्रतिक्रिया या दोनों दे मेरा उत्साहवर्धन करें?

खूबसूरत सृजन । आदमी का आदमी होना बड़ा दुश्वार है । आदमी ही आदमी से हो रहा बेजार है।

13 Feb 2021 01:40 PM

बहुत सुंदर रचना सुमन जी। आपसे मेरी रचना ” अधूरा पर पूर्ण प्यार” का अवलोकन अपेक्षित है और यदि ठीक लगे तो अपनी यथा उचित समीक्षा टिप्पड़ी व वोट अवश्य प्रदान करें। सादर।

13 Feb 2021 12:47 PM

बहुत अच्छी रचना ? कृपया मेरी रचना गली वाला इश्क को पढ़ें और वोट करने की कृपा करें ?

?? बड़ा मुश्किल होता है , आदमी का आदमी बने रहना । बहुत सुंदर लिखा आपने अजय अमिताभ जी??हमारी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें ।?????

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