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वाह..बहुत सुंदर रचना आदरणीय।कृपया मेरी कविता “अमर प्रेम (सवैया) ” का अवलोकन कर एक वोट देकर सहयोग की कृपा करें।।

बहुत ही सुन्दर रचना है। शानदार।

याद में तेरी जाग जाग के हम रात भर करवटें बदलते हैं ,
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फ़त के धीमे धीमे च़राग जलते हैं ,

श़ुक्रिया !

23 Feb 2021 06:14 AM

बहुत बहुत आभार श्याम सुंदर जी कि आपने अपना कीमती समय निकाल कर अपना विचार व्यक्त किया।

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