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बेख़ुदी में हम ज़िंदगी के मरहलों से गुज़रते रहे , होश में आए तो इल्म़ हुआ हम जहां से चले वहींं थे ,
श़ुक्रिया !
बहुत उम्दा
बेख़ुदी में हम ज़िंदगी के मरहलों से गुज़रते रहे ,
होश में आए तो इल्म़ हुआ हम जहां से चले वहींं थे ,
श़ुक्रिया !