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मजबूत विपक्ष के अभाव में सरकार निरंकुश हो गई है। संसद में बहुमत होने से एवं विपक्ष के चर्चा में सकारात्मक भाग न लेने से , संसद में बिना किसी चर्चा के बिल पास करके कानून बना दिए जाते हैं । मैं इसमें विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराना चाहूंगा क्योंकि विपक्ष संसद में संगठित होकर चर्चा में भाग लेकर बिल का विरोध करने में असमर्थ रहा है। लोकतंत्र में चर्चा से ही समस्याओं का समाधान ढूंढने की आवश्यकता है। सड़कों पर आवागमन बाधित कर जनता को परेशानी में डाल कर हठधर्मिता करना उचित नहीं है। विपक्ष की सरकार को ब्लैकमेल कर कानून वापस लेकर सरकार गिराने की सोची समझी साजिश है। जिसमें वह एक तीर से दो शिकार करना चाहती है। प्रथम कृषकों का हितैषी बनकर उनका विश्वास जीतकर राजनैतिक लाभ प्राप्त करना चाहता है, दूसरा कानून वापस लेने से सरकार के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पास कर सरकार को भंग करने का प्रयास करना।
कृषकों को चाहिए कि वे कानून वापस लेने की अपनी हठधर्मिता को छोड़कर , अपने आप को राजनीति से परे रखकर सकारात्मक भाव से समस्या का हल ढूंढने का प्रयास करें । और देश में अस्थिरता का माहौल निर्माण करने से बचें।

धन्यवाद !

23 Jan 2021 12:43 PM

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22 Jan 2021 11:24 PM

किसानों के प्रति समर्पित एवं शासकों के द्वारा उपेक्षित व्यवहार पर की गई सटीक टिप्पणी, के साथ उन लोगों के नजरिए पर व्यंग्य जो किसान के मर्म को समझने के लिए तैयार नहीं है! काफी कुछ है आपकी रचना में!

23 Jan 2021 12:43 PM

सहृदय आभार?

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