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वेदना द्रवित कर रही ,,हमने भी उन्माद और वहशत से अच्छादित घोर पापी और युग के संतापियो पर लिखा है। आपकी अभिव्यक्ति सार्थक है ,,द्रवित कर दिया मुझे तो
आभार महोदय जी
वेदना द्रवित कर रही ,,हमने भी उन्माद और वहशत से अच्छादित घोर पापी और युग के संतापियो पर लिखा है।
आपकी अभिव्यक्ति सार्थक है ,,द्रवित कर दिया मुझे तो
आभार महोदय जी