जय जवान! यह हर देश का सपूत है जो सदैव ही देश की रक्षा के लिए बलिदान करता आया है, वहीं एक और सपूत है जिसने नंगे भूखे रहकर खेतों से अन्न उपजाया है, और देश को भरपेट भोजन कराया है!उसी के बच्चे सीमा पर रखवाली कर रहे हैं और वह खेत पर खून पसीना बहा रहा है, किन्तु अफशोस की वह आज पराया दिखाया गया है इस लिए कि वह भी खुशहाल जीवन जीने की लालसा पाल बैठा! आपकी रचना बहुत अच्छी है, बधाई!
जय जवान! यह हर देश का सपूत है जो सदैव ही देश की रक्षा के लिए बलिदान करता आया है, वहीं एक और सपूत है जिसने नंगे भूखे रहकर खेतों से अन्न उपजाया है, और देश को भरपेट भोजन कराया है!उसी के बच्चे सीमा पर रखवाली कर रहे हैं और वह खेत पर खून पसीना बहा रहा है, किन्तु अफशोस की वह आज पराया दिखाया गया है इस लिए कि वह भी खुशहाल जीवन जीने की लालसा पाल बैठा! आपकी रचना बहुत अच्छी है, बधाई!