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नशा कोशिश करता रहे, कौन क्या कहता है कहता रहे! मंजिल मिलेगी देर से ही सही! प्रयास अथक चलता रहे!! कवि कृष्ण मोहन जी सुंदर रचना पर बहुत-बहुत बधाई आशा करते हैं हमारी रचनाओं का भी अवलोकन करेंगे! धन्यवाद!
नशा कोशिश करता रहे, कौन क्या कहता है कहता रहे!
मंजिल मिलेगी देर से ही सही!
प्रयास अथक चलता रहे!!
कवि कृष्ण मोहन जी सुंदर रचना पर बहुत-बहुत बधाई आशा करते हैं हमारी रचनाओं का भी अवलोकन करेंगे! धन्यवाद!