Comments (6)
13 Jan 2021 06:43 PM
वर्तमान परिस्थितियों में बेरोजगार युवक की अंतर्व्यथा का मार्मिक चित्रण !
धन्यवाद !
Rajesh vyas
Author
13 Jan 2021 06:54 PM
धन्यवाद सर जी।
13 Jan 2021 04:47 PM
आपकी अति सुंदर रचना है कृपया मेरी रचना कोरोना मजबूत नहीं कमजोर है को वोट दान करें धन्यवाद
Rajesh vyas
Author
13 Jan 2021 04:55 PM
आपकी प्रतिक्रिया का आभार !निश्चित ही आपकी रचना पढ़ लूंगा और अपना वोट भी दूंगाआप से भी गुजारिश है कि प्रतियोगिता में मेरी रचना** नाम मिला जिसे को रोना **है अवलोकन करें और अच्छी लगे तो अपना कीमती मत देकर अनुग्रहित करें धन्यवाद!
राजेश जी यह व्यथा यदि किसी को है तो नौकरी के लिए सरकार से बहुत उम्मीदें ठीक नहीं है, निजी प्रतिष्ठानों में भी अवसर प्राप्त हो जाते हैं, फिर भी सफलता नहीं मिली तो स्वयं के लिए करोबार के क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास किया जा सकता है, बैंक मुद्रा ऋण में कम ब्याज पर लगभग पांच लाख तक देता है! सुझाव से असहमति होने पर क्षमा चाहूंगा।
आदरणीय आपका सम्मान है ।परंतु आप भी जानते हो की ऋण लेना इतना आसान भी नहीं है।