Comments (4)
13 Jan 2021 12:20 PM
बृजपाल सिंह जी नन्हे से लेख*तुम क्षणिक हो*
के माध्यम से जीवन का उद्देश्य निरूपित किया धन्यवाद !प्रतियोगिता में मेरी रचना** नाम मिला जिसे करो ना** अवलोकन करने का कष्ट करें !और उचित लगे तो मत प्रदान करें धन्यवाद।
13 Jan 2021 08:43 AM
अत्यन्त प्रभावशाली एवं सन्देशपूर्ण रचना, बृजपाल जी..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना “, जो कि काव्य प्रतियोगिता मेँ भाग ले रही है, पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..! साभार..!???
Brijpal Singh
Author
13 Jan 2021 08:45 AM
जी आदरणीय रस्तोगी जी आभार साधुवाद। बहुत बहुत आभार।
आपकी रचना को मैं देख रहा हूँ.. पढ़ने के बाद प्रतिक्रिया दूंगा।
बहुत खूब आदरणीय शानदार अभिव्यक्ति वाह वाह वाह कृपया मेरी रचना प्रेम के खत का अवलोकन कर अपना मत अवश्य व्यक्त करें।