Comments (3)
13 Jan 2021 12:53 PM
बहना, प्रधानों के आचरण पर आपकी पंक्तियों से लगता है आपको कटु अनुभव रहा हो, किन्तु सबके प्रति यह भाव सब धान बाइस पैसेरी के पैमाने पर नहीं आंका जा सकता है,बहन ऐसा भी तो कहा सुना जाता है कि एम डी एम के सामाग्री क्रय में ही गड़बड़ झाला होता रहा है,मैन्यु के अनुसार बच्चों को भोजन नहीं दिया जाता, आदि और भी बातें की जा सकती है, किसी के भी आचरण पर, किन्तु सब एक जैसे तो नहीं होते, फिर भी आपको प्रधान का चुनाव अवश्य लड कर आजमाना चाहिए, और मेरी शुभकामनाएं इस लिए भी हैं कि आप उस पद पर बैठकर स्वयं अनुभव हासिल कर सकें,स्नेह सहित पुनः शुभकामनाएं!
नूरफातिमा खातून नूरी
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13 Jan 2021 04:12 PM
यदि आपकी भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो क्षमा चाहूंगी
मैंने तो हास्य-व्यंग्य कवि सम्मेलन में भाग लेने के लिए यूं ही लिख दिया है।
बहन जी, हास्य-व्यंग्य पर लिखने से इंकार नहीं है किन्तु बिना प्रमाण के ऐसी आशंका भरी कटाक्ष पूर्ण अभिव्यक्ति, तर्कसंगत नहीं प्रतीत होती, वह भी तब जब आप अध्यापन कार्य में है, कोई भी इसका निहितार्थ भिन्न भिन्न तरीके से करेगा! कुछ अनुचित लिख डाला हों तो क्षमा कीजिएगा!