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हिज्र की तनहाइयों में नाक़ामियों का ए़हसास सालता है , वक़्त की गर्दिश में खुद की मजबूरियों को वज़ह मानता है , श़ुक्रिया !
Dhanyavad sir
हिज्र की तनहाइयों में नाक़ामियों का ए़हसास सालता है ,
वक़्त की गर्दिश में खुद की मजबूरियों को वज़ह मानता है ,
श़ुक्रिया !
Dhanyavad sir