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Comments (13)

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28 Jan 2021 11:23 PM

बहुत ही सुंदर रचना

13 Jan 2021 05:41 PM

बहुत ही सूंदर चित्रण किया आपने सरकार में के बारे में | वास्तव में वह सब कुछ खा गयी। बाकि जो बचा है वह महंगाई खा गयी

13 Jan 2021 06:02 PM

जी बिलकुल सही कहा आपने. धन्यवाद.

9 Jan 2021 09:54 PM

बहुत सुंदर। मेरी रचना का भी अवलोकन करें।

10 Jan 2021 11:20 AM

जी धन्यवाद

अतिसुंदर कटु यथार्थ की व्यंगपूर्ण प्रस्तुति !
आपके लेखन शैली से मुझे क्रांतिकारी शायर जोश मलीहाबादी साहब की याद आ गई।
आपकी लेखन शैली मे उनकी शैली की झलक मिलती है।
कृपया प्रयास जारी रखें !

धन्यवाद !

9 Jan 2021 08:56 PM

धन्यवाद। मैं भी जोश मलीहाबादी जी को पढूँगा।

बहुत बढ़िया लिखा अजय जी। तारीफे काबिल। बधाई।

9 Jan 2021 08:57 PM

धन्यवाद

9 Jan 2021 05:09 PM

अति सुन्दर कविता अजय जी.. शुभकामनाएं ? कृप्या मेरी कविता “कोरोना बनाम क्यूँ रोना”का अवलोकन करें और अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ??

9 Jan 2021 08:57 PM

धन्यवाद

सत्य व सटीक रचना

9 Jan 2021 08:57 PM

धन्यवाद

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