Comments (13)
13 Jan 2021 05:41 PM
बहुत ही सूंदर चित्रण किया आपने सरकार में के बारे में | वास्तव में वह सब कुछ खा गयी। बाकि जो बचा है वह महंगाई खा गयी
AJAY AMITABH SUMAN
Author
13 Jan 2021 06:02 PM
जी बिलकुल सही कहा आपने. धन्यवाद.
9 Jan 2021 09:54 PM
बहुत सुंदर। मेरी रचना का भी अवलोकन करें।
AJAY AMITABH SUMAN
Author
10 Jan 2021 11:20 AM
जी धन्यवाद
9 Jan 2021 07:43 PM
अतिसुंदर कटु यथार्थ की व्यंगपूर्ण प्रस्तुति !
आपके लेखन शैली से मुझे क्रांतिकारी शायर जोश मलीहाबादी साहब की याद आ गई।
आपकी लेखन शैली मे उनकी शैली की झलक मिलती है।
कृपया प्रयास जारी रखें !
धन्यवाद !
AJAY AMITABH SUMAN
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9 Jan 2021 08:56 PM
धन्यवाद। मैं भी जोश मलीहाबादी जी को पढूँगा।
9 Jan 2021 07:13 PM
बहुत बढ़िया लिखा अजय जी। तारीफे काबिल। बधाई।
AJAY AMITABH SUMAN
Author
9 Jan 2021 08:57 PM
धन्यवाद
9 Jan 2021 05:09 PM
अति सुन्दर कविता अजय जी.. शुभकामनाएं ? कृप्या मेरी कविता “कोरोना बनाम क्यूँ रोना”का अवलोकन करें और अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ??
AJAY AMITABH SUMAN
Author
9 Jan 2021 08:57 PM
धन्यवाद
9 Jan 2021 05:04 PM
सत्य व सटीक रचना
AJAY AMITABH SUMAN
Author
9 Jan 2021 08:57 PM
धन्यवाद
बहुत ही सुंदर रचना