Comments (10)
21 Mar 2021 09:36 PM
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी
Sanjeev Singh
Author
6 Oct 2021 08:42 AM
???
8 Jan 2021 01:11 AM
अतिसुंदर संदेशपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
Sanjeev Singh
Author
8 Jan 2021 01:08 PM
बहुत आभार
7 Jan 2021 09:54 PM
तुम्हारी नाक के नीचे, रिश्वतखोरी चलती है,
कभी तो ईमानदारी से, बेईमान देखा करो।
बहुत सुंदर बधाई संजीव जी। कृपया मेरी रचना भी देखें।
Sanjeev Singh
Author
8 Jan 2021 01:07 PM
बहुत बहुत धन्यवाद जी
7 Jan 2021 08:38 PM
संजीव जी की सुंदर गजल पर बधाई धन्यवाद!!
Sanjeev Singh
Author
7 Jan 2021 08:54 PM
बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
उत्तम रचना जी. आप मेरी रचना ‘मौसम ने ली अंगड़ाई’ पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य साझा करें जी.
???