Comments (6)
5 Jan 2021 10:14 AM
जीवन संघर्षों को लेकर की गई यह अभिव्यक्ति एक सामान्य गृहस्थी का अहसास कराती है!
4 Jan 2021 07:29 PM
बहुत सुन्दर कविता जिंदगीनामा ..अनिल कुमार जी आपको नव वर्ष की शुभकामनाएँ ??
मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?
4 Jan 2021 07:12 PM
जिंदगी में आने वाले उतार-चढ़ाव की सुंदर प्रस्तुति जिंदगीनामा! वाह अनिल जी!आशा करते हैं कि आप हमारी प्रतियोगिता में रचना** नाम मिला जिसे कोरोना **का अवलोकन करेंगे और अच्छी लगे तो वोट प्रदान कर अनुग्रहित करेंगे!!
4 Jan 2021 07:07 PM
अत्यन्त प्रभावी प्रस्तुति,अनिल जी..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी ग़ज़ल “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” जो कि काव्य प्रतियोगिता मेँ शामिल है, पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???
बहुत आकर्षक रचना है अनिलजी।
मेरी कविता ईश्वर भी पढ़ें और अच्छी लगे तो वोट करें।??