Comments (3)
3 Jan 2021 05:35 AM
अत्यन्त प्रभावी प्रस्तुति,रजनी जी..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी ग़ज़ल “कोरोना” को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” जो कि काव्य प्रतियोगिता मेँ शामिल है, पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???
वाह बहुत सुन्दर कविता “ऐ वक़्त रुको तो सही. ..रजनी जी नव वर्ष की शुभकामनाएँ ??
मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?