Comments (7)
29 Dec 2020 09:13 PM
तुम्हे भूलने की ज़िद में खुद को ही भूल बैठे।
ये क्या सितम है तेरा जो खुद की ख़बर नहीं है।
दीपक जी बेहद खूबसूरत दर्द ए बयां।
DeePak Patel
Author
29 Dec 2020 10:15 PM
Bilkul ?
वाह बहुत सुन्दर कविता दीपक जी .. शुभकामनाएँ?
कृप्या मेरी रचना “कोरोना बनाम क्यों रोना” का भी अवलोकन करके अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?
Thanku ji?
Bilkul padenge ?