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बेख्याली में भी उनके ख्याल पलते हैं।
वो क्या जाने दिन किस तरह ढलते हैं।
बेहतरीन जनाब।

अभिनव मिश्र
अभिनव मिश्र”अदम्य
Dec 28, 2020 08:52 PM
आपसे अनुरोध है कि आप मेरी रचना(” कोरोना इक वायरस )का अवलोकन करके, अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें. ??

आपकी रचना बहुत सुन्दर है…. प्रिय मिस्र जी, इसलिए मैंने आपको पहले ही अपना वोट दे दिया था। कृपया मेरी रचना “कोरोना दोहा नवमी” का अवलोकन करें व पसन्द आने पर मुझे भी अपना वोट देने की कृपा करें।

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