सुंदर भाव ! कोराना प्रतियोगिता की मेरी रचना का भी अवलोकन कर प्रतिक्रिया दे !
धन्यवाद जी अवश्य
बहुत ही सुन्दर भावाभिव्यक्ति !!रफी जी के आवाज की तरह ही अनुपम रचना। ???
आदरणीय, मेरी कविता ” कोरोना किसी को हो ना ” का अवलोकन करने की कृपा करें। ?
हो सके तो वोट दे कर कृतार्थ करें। आभार होगा। ??
शुक्रिया जी जरुर
दिल का सूना साज़ तराना ढूंढेगा ,
तीरे निग़ाहे नाज़ निशाना ढूंढेगा ,
रफ़ी तुझको तेरे बाद जमाना ढूंढेगा ,
लोग तेरे गीतों को चुराकर ढालेंगे तरानों में ,
तेरे नग़मों की आग बँटेगी दुनिया के परवानों में ,
वक्त तेरे गीतों का खज़ाना ढूंढेगा ,
म़ुरीद तुझको याद करेंगे भीग़ी भीग़ी शामों में , लेकिन एक मास़ूम़ सा दिल भी इन सारे हंग़ामों में ,
छुप छुप के रोने का बहाना ढूंढेगा ,
आस का सूरज साथ रहेगा जब सांसो की राहों में ,
गम़ के अंधेरे छंट जाएंगे मंज़िल होगी बांहों में,
प्यार धड़कते दिल का ठिकाना ढूंढेगा ,
रफ़ी तुझको तेरे बाद ज़माना ढूंढेगा ,
वाह
बहुत सुंदर प्रस्तुति
शुक्रिया
सुन्दर रचना
हार्दिक धन्यवाद
अति सुन्दर रचना ।
वाह क्या कहने Mahesh Tiwari जी, कृपया मेरी रचना “कोरोना दोहा नवमी” पसन्द आये तो मुझे अपने बहुमूल्य वोट से नवाज़ने का कष्ट करें। धन्यवाद।
धन्यवाद??
जी जरूर??