Comments (3)
24 Dec 2020 01:25 PM
कोरोना के माध्यम से मानवीय असंवेदनशीलता को बहुत ही चतुराई से अभिव्यक्त किया गया है,लेखन की इस विधा को हासिल करना सबमें कहां उपलब्ध हो पाता है, बधाई!
24 Dec 2020 01:40 PM
बहुत बहुत धन्यवाद सर ।
बहुत अच्छी कविता
मेरी कविता “कोरोना बनाम क्यों रोना “
भी पढिये और वोट करिए ?