Comments (4)
21 Dec 2020 03:32 PM
Vr nice
DeePak Patel
Author
21 Dec 2020 05:10 PM
Thankyou Ji
ये समय है
जीवन तो केवल फँस गया है
हार जीत खुद ही तय की है इसने
समय पर ना कोई फर्क पड़ता
हम अकेले रोते हैं
क्योकि हम चाहते हैं आगे निकलना
पीछे रह जाय तो भी कुछ फर्क नही पड़ता है
हाँ बस हमारी ईगो और हमरो की ईगो तड़पती है
पार्टियों में समाज में कैसे खड़े हो
किसे सर तान कर खड़े हों
कैसे जबर्दस्ती दूसरों को नीचा दिखाएँ
जबकि समाज के लिए
देश के लिए
योगदान तो उस प्राणी का भी है
जिसे हमने नाकारा समझा और अँधेरे में
पुरानी किताबों के पन्नो में
कुछ स्याही के साथ सड़ने के लिए छोड़ दिया था
आज जब वो भड़क गया
तो दुनिया को समाज को व्यक्ति को
उसकी औकात समझ आयी …..
बहुत खूब