मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ आपको मेरा वोट स्वीकार हो।।
:- पाण्डेय चिदानन्द “चिद्रूप”
+917525099399?
मैने आपकी रचना को वोट कर दिया कृपया आप भी मेरी रचना को वोट करें
बहोत खूब जी….?
आपके इस जादुई लेखनी को मेरा अंतस हृदय से नमन साथ ही साथ आपको आंग्ल नववर्ष की हार्दीक शुभकामनाऐं ।।
कृपया आपका भी आशिष मुझे मेरे “सहित्यपिडिया काव्य प्रतियोगिता” में शामिल “बैरी कोरोना!” नामक रचना को मिल जाये तो मैं कृतार्थ होऊँ ।। ?
आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ जी ??
आदरणीय जी
देर हो गई , अगली बार मेरा वोट आपका जी ?
नमस्कार देवजी, मेरी रचना , ईश्वर,का भी अवलोकन करें
परियों की,दुनियाँ में हो ,आपका बसेरा
फूलों की ,हसीं वादियों में हो, आपका सवेरा
आप रहें ,सदा यू ही, हंसते मुस्कुराते ‘देव’
अब तो यही कहे ,हर पल, तन्हा दिल मेरा?
सादर नमन हार्दिक अभिनंदन जी
निसन्देह, आपके खुबसूरत अल्फाजों से अवश्य रुबरु होन्गे जी ?
हार्दिक बधाई ??
अत्यन्त प्रभावी प्रस्तुति, मेहरानियां जी..! मैंने आपको वोट कर दिया है। ( 14 )आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना” को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..! साभार..!
सुंदर रचना। मेरा वोट ग्रहण करें। मेरी कविता “कोरोना (ग़ज़ल)” पढ़ें और अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहीत करें।
सुंदर रचना । शुभकामनाओं समेत मैंने आपको वोट दिया । कृपया मेरी कविता
” कोरोना के रोने को क्या रोना “
पर अपना वोट दे कर अनुगृहीत करें ।
धन्यवाद
क्या कहना है आपका, शब्द कहे है तोल।
कोरोना पर आपकी, रचना है अनमोल !!
महो० मैंने आपकी अनुपम रचना को वोट दिया। मेरी रचना का भी अवलोकन करके अपना अमूल्य मत प्रदान करें। @दिनेश
उत्तम रचना ??शायर देव मेहरानियां ?❤️ जी! मैने आपको अपना वोट दे दिया अब आप भी कृपया मेरी कविता “कोरोना दोहा नवमी” को अपना वोट रूपी आशीर्वाद देने की कृपा करें
सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
कृपया मेरी प्रविष्टि “अहद ” का अवलोकन कर अपना मत प्रकट करें !
वोट स्वीकार करें और मेरी कविता ईश्वर भी पढ़ें और अच्छी लगे तो वोट करें
अति सुन्दर कविता शायर जी.. शुभकामनाएं ? कृप्या मेरी कविता का भी अवलोकन करें और अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ??
वाहः सराहनीय
वाह वाह के फूटते, मन से मीठे बोल।~~~ कोरोना पर आपकी, है रचना अनमोल।।~~~ मैंने आपकी अनुपम रचना को वोट कर दिया है। मेरी रचना का अवलोकन करने की कृपा करें। -आकाश महेशपुरी
जी
तहे-दिल से शुक्रिया ??
निसन्देह vote दिया जायेगा जी
बहुत सुंदर
ना कोई चाहत, ना हसरत है मुझको
जब भी नज़र उठे, मुस्कराता पाऊँ तुमको
हमारा क्या है, हम तो जी लेंगे मर मर कर भी ‘देव’
आपके हर गम मेरे,और मेरी हर खुशी मिल जाये तुमको ?
ये जो दिल का रिश्ता ह ना, बडा अजीब होता हॆ
जितना दूर होता हॆ,नजरों से, रूह के उतना ही करीब होता हॆ
दिल ए अजीज सभी खुबसूरत मेहमानों का कोटिशः आभार ?
माफ करना जी, आपको वोट नहीं कर पाया?
अगली बार मेरा वोट आपका ही जी ??