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Comments (5)

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अतिसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति।

धन्यवाद !

11 Dec 2020 05:25 PM

धन्यवाद सर!!!

मेरा काला गोगल
देख कर
मेरा उभरा हुआ रौद्र देख कर
डॉन ना समझना मुझे
मेरे अंदर भी
डॉन सी मोहब्बत वसती है
कवि की भाषा में
निकलती है ।

।। माफ करना ।।

10 Dec 2020 08:34 PM

लेखन मेरी जान है, चाहे जमाने में कम पहचान है, मिलता रहे मां का सभी को आशीष, यही मेरी कामना है !!! धन्यवाद!!!

अनुकरणीय लिखा है ।
ज्ञान का सफलतम रूप ।

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