Comments (6)
4 Aug 2016 12:17 PM
संदीप जी.. बहुत अच्छा लिखा है.. !
लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि आप किस समस्या को यहाँ पर बताना चाहते हैं..?? यह व्यवसाय गैरकानूनी है और इसे कानूनी जामा पहना देना चाहिए या यह व्यवसाय ही गलत है.
21 Jul 2016 05:10 PM
सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने
सन्दीप कुमार 'भारतीय'
Author
21 Jul 2016 09:32 PM
हार्दिक आभार मित्र ।
20 Jul 2016 09:35 AM
वाह लाजवाब लेखन भाई
सन्दीप कुमार 'भारतीय'
Author
20 Jul 2016 02:31 PM
हार्दिक आभार मित्र ।
मित्र पंकज जी,
आपके प्रश्न का उत्तर बहुत ही विस्तृत है | ये तो आप जानते और समझते ही हैं कि ये काम एक आर्गनाइज्ड तरीके से किया जा रहा है, प्रशासन और कानून जब कुछ जानते हुए भी कुछ नहीं कर रहे हैं | बल्कि ये धंधा इन्ही की छत्रछाया में ही चल रहा है | एक बार जो महिला इस दलदल के धंधे में उतर जाती है वो दोबारा चाहकर भी नहीं निकल पाती | कई बार तो उस महिला के घरवाले ही अपनाने से इनकार कर देते हैं तो उस महिला के पास दोबारा वापस इसी दलदल में लौटने के कोई चारा नहीं रहता | अगर क़ानून के रखवालों की मंशा सही है तो ये सब चकले एक ही दिन में बंद किये जा सकते हैं |
अगर इसको कानूनी घोषित किया जाता है तो परिस्थितियाँ काफी हद तक नियंत्रण में आ सकती हैं, सबसे पहले तो गैर कानूनी रूप से या जबरदस्ती इस धंधे में धकेली जाने वाली मासूम लड़कियों को इससे बचाया जा सकेगा, और जो भी ये धंधा करेंगी उनको बाकायदा लाइसेंस दिया जाएगा | इस व्यवसाय में लगी महिलाओं को शोषण से बचाया जा सकेगा और इनका जीवन स्तर सुधारा जा सकेगा | अगर लाइसेंस होगा तो उसके लिए एक प्रशासनिक अमला भी होगा जो इस बात पर नजर रखेगा कि किसी को जोर जबरदस्ती से इस व्यवसाय में नहीं लाया जा रहा | और भी बहुत सी बातें हैं मित्र जिन पर अलग से चर्चा की जा सकती है |
वैसे मेरा मत है कि इसको कानूनी जमा पहनाना ही उचित होगा |